Ancestral Property Distribution: पुश्तैनी या Ancestral Property भारत में सबसे संवेदनशील और विवादित विषयों में से एक है। अक्सर परिवारों में झगड़े इसी बात पर होते हैं कि आखिर पिता-दादा की जमीन-जायदाद किसे मिलेगी, कैसे बंटेगी और किसका कितना हक बनता है? अगर आप भी यही समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। यहां हम आसान भाषा में समझेंगे कि Ancestral Property क्या है, इसमें किन-किन का हक होता है और बंटवारा कैसे होता है।
पुश्तैनी संपत्ति (Ancestral Property) क्या होती है?
- वह संपत्ति जो परिवार में कम से कम चार पीढ़ियों से चलती आ रही हो और जिसे किसी एक व्यक्ति ने अपने नाम पर बेचा या तोड़ा न हो।
- यानी दादा → पिता → बेटा → पोता – सभी को इस पर जन्म से हक मिलता है।
Ancestral Property में किसका हक होता है?
2016 और फिर 2020 के अपडेट के अनुसार पुश्तैनी संपत्ति में बेटा और बेटी दोनों का बराबर हक है।
यहां मुख्य अधिकारधारी (Coparceners) होते हैं:
- पिता (Father)
- पिता के बेटे (Son)
- पिता की बेटी (Daughter)
- पिता के बेटे के बच्चे (Grandchildren)
- पिता की बेटी के बच्चे भी कई मामलों में हकदार माने जाते हैं (State Laws के अनुसार)
महत्वपूर्ण बात:
:- बेटियों को भी जन्म से ही बराबर का अधिकार है, चाहे उनकी शादी हो चुकी हो।
क्या पिता Ancestral Property को बेचना चाहें तो?
नहीं, पिता पुश्तैनी संपत्ति को बिना बच्चों की सहमति के नहीं बेच सकते।
क्योंकि यह उनकी अकेली संपत्ति नहीं है, बल्कि जन्मसिद्ध अधिकार वाली संपत्ति है।
Self-acquired Property vs Ancestral Property
| आधार | Ancestral Property | Self-Acquired Property |
|---|---|---|
| किसे हक मिलता है? | परिवार की 4 पीढ़ियों को | केवल मालिक जिसे चाहे उसे दे दे |
| पिता बेच सकता है? | बिना बच्चों की मंजूरी नहीं | अपने मन से किसी को भी बेच सकता है |
| बेटी का हक | बराबर हिस्सा | पिता चाहे तो दे या न दे |
बंटवारा कैसे होता है? (Distribution Process)
पुश्तैनी संपत्ति का बंटवारा बराबर-बराबर हिस्सों में होता है।
उदाहरण:
मान लीजिए परिवार में हैं:
- पिता
- 1 बेटा
- 1 बेटी
- 1 पोता
तो संपत्ति इस तरह बटेगी:
- पिता = 1 हिस्सा
- बेटा = 1 हिस्सा
- बेटी = 1 हिस्सा
- पोता = बेटे के हिस्से से हकदार (अगर बेटा जीवित न हो)
Rule:
- प्रत्येक Coparcener को जन्म से ही बराबर हिस्सा मिलता है।
- बंटवारा कोर्ट में या परिवार की आपसी रजामंदी से कराया जा सकता है।
क्या बेटी शादी के बाद दावा कर सकती है?
हाँ!
शादीशुदा बेटी को भी पिता की पुश्तैनी संपत्ति में पूरा हक है, ठीक बेटे की तरह।
अगर पिता वसीयत (Will) बना दें तो?
- पुश्तैनी संपत्ति पर वसीयत लागू नहीं होती।
- वह केवल Self-Acquired Property पर ही Will बना सकते हैं।
अगर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए?
यदि पिता की मृत्यु हो जाए, तो उनका हिस्सा उनके बच्चों में बराबर बांटा जाता है — बेटा, बेटी, पत्नी सभी को हिस्सा मिलता है।
महत्वपूर्ण कानूनी बिंदु (Key Points)
- पिता पुश्तैनी संपत्ति का अकेला मालिक नहीं होता।
- सभी Coparceners बराबर हकदार होते हैं।
- बेटी का हक पूरी तरह बराबर होता है।
- संपत्ति 4 पीढ़ियों की हो तभी Ancestral मानी जाती है।
- वसीयत का कोई असर नहीं होता।
निष्कर्ष
Ancestral Property भारत में एक बेहद संवेदनशील लेकिन महत्वपूर्ण विषय है।कानून साफ कहता है कि हर बच्चे—चाहे बेटा हो या बेटी—को जन्म से समान हक मिलता है। इसलिए यदि आपके परिवार में भी पुश्तैनी जमीन-जायदाद है, तो बेहतर है कि सभी लोग कानूनी जानकारी के साथ शांति से बंटवारा करें।